खेत के किनारे उलटी पड़ी एक बाइक… और कुछ सवाल जो कभी जवाब नहीं पाएंगे

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वो बस एक तस्वीर है —
मिट्टी में धंसी हुई एक टूटी बाइक,
चारों ओर घास,
कुछ बिखरी चीज़ें,
और कुछ लोग जो चुपचाप उसे देख रहे हैं।

पहली नजर में ये एक मामूली सड़क हादसा लगता है।
पर जैसे ही आप इसे ध्यान से देखते हैं…
एक ही सवाल बार-बार उठता है —
“आखिर हुआ क्या होगा?”

शायद वो सुबह उसके लिए भी आम थी…

शायद वो युवक अपने घर से निकला था —
थोड़ी जल्दी में, थोड़ा बेपरवाह,
जैसे हम में से बहुत लोग रोज़ निकलते हैं।
सोचता होगा —
“बस पहुँचता हूँ, फिर आराम करूंगा।”

पर किसे पता था कि वो सफर ही आखिरी होगा?

🚨 बाइक टूटी मिली, पर वो नहीं…

लोगों ने एक ज़ोरदार आवाज़ सुनी।
जब दौड़कर खेत की ओर पहुंचे,
तो सिर्फ बाइक दिखी — ज़मीन से चिपकी हुई,
मानो कह रही हो —
“मैंने कोशिश की थी… पर बचा नहीं पाई।”

वो शख्स कहाँ गया?
भाग गया?
गिर गया?
या कोई और बात थी?

किसी के पास जवाब नहीं।

👨‍👩‍👧‍👦 उस घर का इंतज़ार कभी खत्म नहीं होगा

शायद किसी मां ने खाना रखा होगा —
“बेटा आता ही होगा…”

शायद बहन ने मैसेज किया होगा —
“भैया हेलमेट पहन लिया ना?”

और शायद बापू ने बस दरवाज़े की ओर देखा होगा —
पर वो दरवाज़ा कभी नहीं खुला।

🧠 हम सबके लिए एक चेतावनी

ये सिर्फ एक हादसा नहीं है।
ये एक आईना है — जिसमें हम सबको देखना चाहिए।

⚠️ रफ्तार अच्छी लगती है,
पर ज़िंदगी उससे तेज़ नहीं भाग सकती।

⚠️ हेलमेट बोझ लगता है,
पर वही मौत से लड़ने की ढाल है।

⚠️ सड़कें खुली हैं,
पर हमारी सोच बंद नहीं होनी चाहिए।

🤲 कितने और हादसे, कितनी और तस्वीरें?

हर दिन कहीं न कहीं कोई सड़क हादसा होता है।
हर तस्वीर कुछ कहती है।
कुछ चुपचाप डर दिखाती हैं,
तो कुछ ज़ोर से चीखती हैं —
“अब तो संभल जाओ…”

📢 आपसे बस यही कहना है…

जब भी घर से निकलें —
अपने लिए नहीं, अपने परिवार के लिए सुरक्षित चलें।

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